मेरो पहाड़...

मेरो पहाड़


मेरो
 पहाड़ो  की  बातें निराली छूँ ..

 ठण्डी हवा, ठण्डो पाणी और बहुत सुंदर हरियाली छूँ…

मेरो  पहाड़ो  ठण्डो पाणी और याहा के लोगो की मिळी वाणी सबुले जाणी, सबुले पहचाणी...

रीति रिवाजो की तो या भरमार छूँ...

देवताओं द्वारा बसायी स्वर्ग जौ संसार छूँ…

तब्तो देवभूमि उत्तराखंड धरयुं येक नाम छूँ…

या नान्तीनू कु सुधारनें लीजी कंडाली और सिसौंण छूँ….

ब्याऊहैं सीणे लीजी डराहै गब्बर ना हो क्याव़ डाऊ    भिषौण़ छूँ…

मेरो पहाड़ो की बातें निराली छूँ ..

केदारनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री और बद्रीविशाल चारों धाम़ छूँ…

क़ति देवप्रयाग़,देवों का स्थान और ब़होते सुन्दर हरियाली छूँ..

या की हावँ में लै एक अद्‌भुत सा अहसास छूँ..

कीलेकि याँ करोङो देवताओं को वास़ छूँ…

मेरो उत्तराखण्ड देवभूमि की बातें बहुते निराली छूँ..

कट्टी बर्फ़ीलो पहाड़ तो कट्टी गढ़ो में लहराती फसलों की हरियाली छूँ…..

मेरो पहाड़ों की बातें निराली छूँ…

ठण्डी हवा ठण्डो पाणी  और बहुत सुंदर हरियाली छूँ…

-   भूपेश फूलारा

 


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